मीरकासिम की मृत्यु और पश्चिमी भारत के अन्य छेत्रो पर अरबो की असफलता
मीरकासिम की मृत्यु के दो मत है
१- ७१४ ईसवी में खलीफा वलीद की मृत्यु के बाद नया खलीफा सुलेमान बना यह हजाज़ का शत्रु था मीरकासिम हजाज़ का दामाद और भतीजा था इस कारण सुलेमान को उससे भी द्वेष था उसने मीरकासिम को सिंध से वापस इराक बुलाया और उसका वध कार दिया
Mohammad bin qasim |
२- चचनामा के अनुसार दाहिर की दो पुत्रियाँ थी सूर्य देवी तथा परमल देवी दोनों को मीरकासिम ने दाहिर के पतन के बाद प्राप्त किया था उनको खलीफा सुलेमान के पास भेंट के रूप में भेजा उन्होंने खलीफा से शिकायत की कि मीरकासिम पहले ही उनके अस्तित्व को नष्ट कर चुका है इसलिए खलीफा ने क्रुद्ध होकर मीरकासिम को मार डालने की अनुमति दी|
मीरकासिम की मृत्यु के बाद भारत में अरबो का विस्तार शिथिल हो गया अनेक सरदार स्वतंत्र हो गए जय सिंह ने फिर से ब्राम्हणवाद पर अधिकार कर लिया
9वी शताब्दी के अंत में सिंध से खलीफा का पूरी तरह से नियंत्रण समाप्त हो गया सिंध में मंसूरा और मुल्तान केवल दो ही रियासत अरबो के नियंत्रण में शेष रह गयी
मीरकासिम की मृत्यु के बाद भारत में अरबो का विस्तार शिथिल हो गया अनेक सरदार स्वतंत्र हो गए जय सिंह ने फिर से ब्राम्हणवाद पर अधिकार कर लिया
Mohammad bin qasim |
9वी शताब्दी के अंत में सिंध से खलीफा का पूरी तरह से नियंत्रण समाप्त हो गया सिंध में मंसूरा और मुल्तान केवल दो ही रियासत अरबो के नियंत्रण में शेष रह गयी
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